रमजान की तारीफ रमजान 2024,रमजान मुबारक
इस पोस्ट में हमने रमज़ान के बारे में ज़िक्र किया है रमज़ान अल्लाह का महीना है या रमज़ान की ख़ुशी अर्श से फ़र्श तक मनाई जाती है
रमजान की तारीफ रमजान 2024,रमजान मुबारक
रमजान की तारीफ|| रमजान 2024|| रमजान मुबारक |
अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाहि बरकातहू आज हम रमजान की तारीफ का जिक्र करेंगे वैसे तो रमजान तारीफ का मोहताज नहीं वह खुद आना आला से आला महीना है!
इस महीने की जितनी तारीफ की जाए वह कम है क्योंकि
(Opens in a new browser tab)ए अल्लाह ताला का महीना है अल्लाह इसमें दिलों के महल को धो देता है और नीचे की तरफ मुसलमानों को भेज देता है और सभी के गुनाह माफ कर देता है और 11 सवाब का 70 70 * गुना बड़ा दिया जाता है!
Ramzan 2024 date in India: Ramzan 2024 start date. Ramzan
घरों में रहमते बरसाता है और रिस्क में बरकत कर देता है और कहता है मांगू जो मांगना है मांग लो फर्श का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है फुल कर दिया जाता है माहे मुबारक रमजान की क्या तारीफ करूं जितनी तारीफ करो उतनी कम है यह दिलों की ठंडक का महीना है यह दिल के सुकून का महीना है!
रौनक के बाजारों में सजावट इंतजार खुदा का खौफ कुछ कुछ अलग ही होता है जो पिछले 11 महीनों में कहीं भी नहीं होता शैतान को कैद कर दिया जाता है जिसकी वजह से इंसान काफी हद तक अल्लाह की तरफ झुकता है अपने गुनाहों से तौबा करता है.
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रमजान की तारीफ
इस मुकद्दस आयत जो ऊपर दी गई है के पैदाइश से शहरी रमजान के तहत हजरत मुफ्ती अहमद यार खान नईमी रहमतुल्लाह ताला अलेही तपसीरे neemi मैं फरमाते हैं
रमजान या तो रहमान की तरह अल्लाह का नाम है क्योंकि इस महीने में दिल दिन रात अल्लाह की इबादत होती है लिहाजा इसे चेहरे रमजान यानी अल्लाह का महीना कहा जाता है जैसे मस्जिदों का बाकू अल्लाह का घर कहते हैं कि वहां अल्लाह के ही काम होते हैं ऐसे ही रमजान अल्लाह का महीना है कि इस महीने में अल्लाह के ही काम होते हैं !
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रोजा शराबी वगैरा तो है ही अल्लाह की मगर वह हालात ए रोजा जो जाहिद नौकरी और जाइज से ज्यादा वगैरह की जाती है वह भी अल्लाह की काम करार पाते हैं इसलिए इस माह का नाम रमजान यानी अल्लाह का महीना है या यह रमजान से मुश्तक है रमजान मौसम में खरीफ की बारिश को कहते हैं जिससे जमीन भूल जाती है और रबी की फसल खूब होती है क्योंकि यह महीना दिल के गद्दार को धो देता है और इससे आम आम की खेती हरी भरी रहती है !
इसलिए इसे रमजान कहते हैं साबुन में रोजाना बारिश चाहिए और भादो में 4 आसान में 111 से खेतिया पक जाती है तो इसी तरह 11 महीने बराबर नहीं की जाती है फिर रमजान के रोजे इसने क्योंकि खेती को पका दिया यह रन से बना जिसके माना है गर्मी या जलना क्योंकि इसमें मुसलमान की या यह गुनाहों को जला डालता है इसलिए इसे रमजान कहा जाता है रमजान बहुत खूब यो काजल था इसीलिए इसका नाम भी रमजान हुआ!
रमजान में बरकत ही बरकत ए हैं
हजरत मुफ्ती अहमद यार खान रहमतुल्लाहि ताला अलैहि तfसिरे नहीं मी में फरमाते हैं इस माह ए मुबारक के कुल 4 नाम है
- पहला माहे रमजान
- दूसरा माहे सब्र
- तीसरा महीना mahe muasat
- चौथा माह में woosate रिस्क
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और आगे वह यह भी फरमाते हैं कि रोजा सब्र है जिसकी जगह रब है और वह इसी महीने में रखा जाता है इसलिए माहे सब्र कहते हैं वह साथ के माना है भलाई करना क्योंकि इस महीने में सारे मुसलमानों से खासकर अहले करावत में भलाई करना ज्यादा स्वभाव है इसलिए इसे मां है वह साथ कहते हैं इसमें रिस्क की फराह की भी होती है कि गरीब भी नेमतें खा लेते हैं इसीलिए इसका नाम मा है उसे रिस्क भी है हजरत ए किबला मुफ्ती अहमद यार खान रहमतुल्ला हे तने जिम माहे रमजान के मस्जिद तेरा फाइल बयान फरमाए हैं वह दर्जे जेल है!
1= कबा मुसलमानों को बुला कर देता है और यह आकार रहमत बनता है गोयानी का बकरा है और यह रमजान शरीफ दरिया है या वकाबा दरिया है और यह रमजान बारिश है।
2= हर महीने में खास तारीफें और तारीखों में भी खास वक्त में इबादत होती है मसलन बकरा ईद के चांद मकसूद तारीखों में हज मोहर्रम की दसवीं तारीख अफजल है मगर माहे रमजान में हर दिन और हर वक्त इबादत होती है रोजा इबादत स्टार भारत स्टार के बाद शराबी का इंतजार इबादत तरावी पढ़कर शहरी के इंतजार में सोना इबादत फिर शहरी खाना भी इबादत गरz की आन में खुदा की शान नजर आती है!
3= रमजान एक भट्टी है जैसे कि भक्ति गंदे लोहे को सांप और सांप लोहे को मशीन का पुर्जा बनाकर कीमती कर देती है और सोने के जेवर बना कर इस्तेमाल के लायक कर देती है ऐसे ही माहे रमजान गुनाहगारों को बात करता है और मेक लोगों के दर्जे बढ़ाता है!
4= रमजान में नफिल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का शबाब 70 गुना मिलता है !
5=बाज उलमा फरमाते हैं कि जो रमजान में मर जाए उससे सवाल आते कब्र भी नहीं होते !
6=इस महीने में शबे कद्र है गुस्सा आया तो मालूम हुआ कि कुरान रमजान में आया और दूसरी जगह फरमाया इन लंदन नाउ फी लैला तुल कद्र बेशक हमने इसे शबे कद्र में उतारा दोनों आए तो के मिलाने से मालूम हुआ कि शबे कद्र रमजान में ही है और वह वाली बंद 27 वी शब है क्योंकि लैला तुल कद्र में नोहर है और यह लव सूरह कद्र में तीन बार आया जिससे 27 हासिल हुआ मालूम हुआ कि वह 27 wi shab है!
7= रमजान में प्लीज कैद कर दिया जाता है और दोजक के दरवाजे बंद हो जाते हैं जन्नत का रस्ता की जाती है इस के दरवाजे खोल दिए जाते हैं इसीलिए उन दिनों में ने क्यों की आरती और गुनाह की कमी होती है जो लोग गुनाह करते भी हैं वह nafs_e_ammara ya अपने साथ ही शैतान kareen के बहकावे से करते हैं !
8=रमजान के खाने-पीने का हिसाब नहीं !
9=क्यामत में रमजान aur कुरान रोजादार की shafaat करेंगे कि रमजान तो कहेगा कि मौला मैंने इसे दिन में खाने पीने से रोका था और कुरान अर्z करेगा कि या Rab मैंने इसे रात में तिलावत व तरावी के जरिए रोज सोने से रोका!
10=Huzur sallahu तालाalehiवसल्लम रमजान मुबारक में हर कैदी को छोड़ देते थे और हर साहिल को अता फरमा तेथे रब ताला भी रमजान में जहन्नम यों को छोड़ता है लिहाजा हमें चाहिए कि रमजान में नेक काम किया जाए और गुनाह से बचा जाए !
11=कुराने करीम में सिर्फ रमजान का नाम लिया गया है और इसी तरह का दावा किया गया है कि किसी दूसरे महीने का नाम नहीं है ना ऐसेदोसरे महीनों में सिर्फ कुरान शरीफ का नाम लिया गया है और एओर्टो में बीवी मरियम का नाम कुरान में आया है सहाबा में सिर्फ हज़रत मरहूम बिन हर इस का नाम क़ुरान में आया है जिसमें से 3 की आदत मालूम हुई!
12=रमजान शरीफ में iftar और शहरी के वक्त दुआ कबूल होती है यानी इफ्तार करते वक्त यानी खजूर वगैरह खाकर या पानी पीने के बाद और शहरी खा कर यह मर्तबा किसी और महीने को हासिल नहीं !
13=रमजान में 5 हर्फ एच (आर) अमीन, ज़ादा, आलदी, दोपहर आर. से मुराद रहमते इलाही है मीन से मुराद मुहब्बते इलाही है ज़ाद से मुराद ज़माने जिलानी है अलिफ़ से मुराद अमाने इलाही है
रमजान में पांच ibadaat खुसूसी होती हैं रोजा तरावीह तिलावत ए कुरान ए पाक और शबे कद्र में इबादत तो जोर कोई सिद्ध के दिल से यह पांचवा ibadat करें वह उन 5 iनामों का मालिक बन जाए!
Muhammad||muhummad s.a.w ke naam Hindi or arbi me||99 name of mumhummad s.a.w
रमजान की तारीफ [रोजाना 1000000 गुनहगारों की जहन्नुम से रिहाई]
अल्लाह की इनायत ओं और रहमतों और बक्शीश ओं का तस्करा करते हुए एक मौके पर ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जब रमजान की पहली रात होती है तो अल्लाह ताला अपनी मखलूक की तरफ नजर पर माता है और जब अल्लाह किसी बंदे की तरफ नजर फरमाए तो उसे कभी आ जाओ ना देगा और हर रोज 10 लाख होना गारो को जहन्नम से आजाद फरमाता है और जब 19वीं रात होती है तो महीने भर में जितने आजाद किए उनके मजे के बराबर उस रात में आजाद करता है
फिर जब ईद उल फितर की रात आती है मलाइका खुशी करते हैं और अल्लाह अपने नूर की खास दिल्ली फरमाता है और फरिश्तों से फरमाता है और मलाइका यानी फरिश्तों उस मजदूर का क्या बदला है जिस ने काम किया पूरा कर लिया फरिश्ते अर्ज करते हैं उसको पूरा पूरा आज दिया जाए अल्लाह फरमाता है मैं तुम्हें गवाह करता हूं कि मैंने इन सब को बक्श दिया सुभान अल्लाह!
रोजादार को पानी पिलाने की फजीलत
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो कोई रमजान मुबारक में रोजादार को पानी पिलाए तो वह अपने गुनाहों से इस तरह बात और साफ हो जाएगा गया अभी अपनी मां के पेट से पैदा हुआ हो सहाबा ने अर्थ की या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम यह हुक्म घर पर है यह सफर में यह उस जगह जहां पानी नहीं मिलता हो सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया कि यह हुक्म नाम है !
Allah||Bissmillah ki barkat ki sachchi hikayat
जुम्मा की हर हर घड़ी में 1000000 की मग फिरत
तबीहुल गाफिलीन में सैय्यदुना फाकी अब्दुल्ला समरकंदी ने एक ताबील हदीस की है जिसका यहां भी है आलमेहर रमजान में रोजा इफ्तार के वक्त 10 लाख ऐसे गुनहगारों को जहन्नम से आजाद पर मरता है जिन पर गुनाहों की वजह से जनम वाजिद हो चूका था निशा बजुमा और रोजा जो मर जानी जुमेरात की रुबाई आफताब से लेकर जो मर के गुरु WWE आफताब तक की हर घड़ी में ऐसे 10 लाख गुनहगारों को जहन्नम से आजाद किया जाता है जो अजब के हैदर करार किए जा चुके होते हैं और जब रमजान उल मुबारक का आखिरी दिन आता है तू पहले रमज़ान से लेकर अब तक जितने आज़ाद हुए उनकी गिनती के बराबर उसे आखिरी दिन में आज़ाद किये जाते हैं सभी जान अमीन
हज़रत सैयदना अबू हुरैरा रजि अल्लाह ताला अनु से रिवायत है कि शहंशाह ए मदीना सुरूर है कल पसीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो ईमान की वजह से और शबाब के लिए रमजान का रोजा रखेगा उसके अगले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और जो ईमान की वजह से सब आपके लिए शबे कद्र का काम करेगा उसके अगले गुनाह बख्श दिए जाएंगे इन तीनों हदीस हो मैं अल्लाह के किस कदर azeem-o-shaan इनामो इकराम का जिगर सुभानल्लाह रोजाना 1000000 ऐसे गुनहगारों की बख्शीश हो जाया करती है !
हज़रत सैयदना अबू हुरैरा रजि अल्लाह ताला अनु से रिवायत है कि शहंशाह ए मदीना सुरूर है कल पसीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो ईमान की वजह से और शबाब के लिए रमजान का रोजा रखेगा उसके अगले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और जो ईमान की वजह से सब आपके लिए शबे कद्र का काम करेगा उसके अगले गुनाह बख्श दिए जाएंगे इन तीनों हदीस हो मैं अल्लाह के किस कदर azeem-o-shaan इनामो इकराम का जिगर सुभानल्लाह रोजाना 1000000 ऐसे गुनहगारों की बख्शीश हो जाया करती है !
Allah ki tareef
जो अपने गुनाहों के सब जहन्नम के हकदार घर आ चुके हैं और जुम्मा की तो हर हर घड़ी में 10:00 1000000 गुणाकार असमीना से आज़ाद कर दिए जाते हैं और फिर रमजान मुबारक की आखिरी शब्द की तो खूब बरकत ए हैं जितने सारे माहे रमजान में बस गए थे उसके शुमार के बराबर गुनाहगार उस रात में आ जाबे नार से निजात पाते हैं अकाश अल्लाह हम गुनहगारों और बद कारों को भी एक मकसद यादगार में शामिल कर ले और हमारी भी मग फिरत हो जाएं तमाम उम्मते मुस्लिमा की मकसद हो जाए इसलिए हमें चांद रात को इधर-उधर घूमने में टाइम बर्बाद करने की वजह इबादत में लगना चाहिए और अल्लाह से अपनी मसरत करना चाहिए इंशा अल्लाह इस दुआ के साथ कि हमारी मकसद जरूर होगी !
तो इंशाल्लाह क्यों नहीं होगी अल्लाह मोहब्बेवाला जवाब है रहमत अली लाल अमीन है गुनाहों को बख्श ने वाला है दोनों जहान का मालिक है और वह कुछ आता है कि मांगू जो मांगना चाहते हो वह खुद अपने बंदों से मोहब्बत करता है और मोहब्बत का इजहार रमजान की बरकत उसे करता है तो हमें इस महीने की अजमत को समझ कर और इस महीने की बरकत हासिल कर लेना चाहिए हमारे को भी बढ़ा दिया है दस्तरखान पर तैयारी के वक्त कैसी-कैसी नहीं होती हमारे पास चाहे गरीब हो या अमीर हर कोई अच्छे से अच्छा खा पाता है जो अगले 11 महीनों में भी नहीं खा पाता एक साथ कई कई नेमतें सजी होती हैं !
और हम मजे ले लेकर खाते होते हैं बच्चों के चेहरे पर रौनक होती हैं बुजुर्ग नमाज और इबादत में लगे होते हैं दीवार बादल जमीन हर तरफ नूर की बारिश होती होती है जो पिछले 11 महीनों में कभी नजर नहीं आती या अल्लाह हमें इस रमजान की बरकत औरतों को समझने वाला बना और हम तमाम मुसलमानों को इसकी तारीफ करने वाला बना और हर घड़ी में रमजान की बरकत ए लूटने वाला बना या अल्लाह हमें मांगना सिखा दे हमें मांगना नहीं आता हमसे वह काम ले ले जो तुझे और तेरे प्यारे महबूब मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम को पसंद है हम बहुत गुनहगार हैं तुझसे ना मांगे तो और किससे मांगे हमें नमाजी बना पर एक बार बना और अपने महबूब का चाहने वाला बना और हम से हो काम ले ले जो तुझे तेरे प्यारे महबूब को पसंद हो
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Very Nice Post herf = https://yourhindiquotes.blogspot.com/2021/04/ramzan-mubarak-shayari-in-hindi-2021.html/ Ramzan Mubarak Shayari in Hindi 2021