Hazrat Siddiq Akbar Raziallahu Anhu Ka Khwab -The dream of Hazrat Siddiq Akbar
हिकायत ६
हज़रत सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु का ख़्वाब सच्ची हिकायात हिस्सा अव्वल हज़रत सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु केबल अज इस्लाम एक बहुत बड़े ताजिर थे । आप तिजारत के सिलसिले में मुल्के शाम में तशरीफ फरमा थे कि एक रात ख़्वाब में देखा कि चांद और सूरज आसमान से उतरकर उनकी गोद में आ पड़े हैं । हज़रत सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु ने अपने हाथ से चांद और सूरज को पकड़कर अपने सीने से लगाया और उन्हें अपनी चादर के अंदर कर लिया । सुबह उठे तो एक ईसाई राहिब के पास पहुंचे और उससे इस ख़्वाब की ताबीर पूछी । राहिब ने पूछा कि आप कौन हैं ?
आपने फ़रमाया : मैं अबू बक्र हूं । मक्का का रहने वाला हूँ राहिब ने कौन से क़बीले से हैं ? आपने फ़रमायाः बनू हाशिम से और ज़रियए मआश क्या है ? फ़रमायाः तिजारत राहिब ने कहा- तो फिर ग़ौर से सुन लो ! नबी आखिरुज्जमां हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तशरीफ़ ले आए हैं । वह भी इसी कबीला बनी- हाशिम से हैं और वह आखिरी नबी हैं ।
अगर वह न होते तो खुदाए तआला ज़मीन व आसमान को पैदा न फ़रमाता और किसी नबी को भी पैदा न फ़रमाता । वह अव्वलीन व आख़रीन के सरदार हैं । ऐ अबू बक्र ! तुम उसके दीन में शामिल होगे और उसके वज़ीर और उसके बाद उसके ख़लीफ़ा बनोगे । यह है तुम्हारे ख़्वाब की ताबीर । सुन लो ! मैंने इस नबी पाक की तारीफ व नभुत तौरात व इंजील में पढ़ी है । मैं इस पर ईमान ला चुका हूं और मुसलमान हूं ।
Hazrat Siddiq Akbar Raziallahu Anhu Ka Khwab -The dream of Hazrat Siddiq Akbar

लेकिन ईसाईयों के ख़ौफ़ से अपने ईमान का इज़हार नहीं किया । हज़रत सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु अन्हु ने जब अपने ख़्वाब की ताबीर सुनी तो इश्के रसूल का जज्बा बेदार हुआ और आप फ़ौरन मक्का मोअज्ज़मा वापस आए । हुजूर की तलाश करके बारगाहे रिसालत में हाज़िर हुए और दीदारे पुरअनवार से अपनी आंखों को ठंडा किया । हुजूर ने फ़रमायाः अबू बक्र ! तुम आ गए , लो अब जल्दी करो और दीने हक में दाखिल हो जाओ । सिद्दीके अकबर ने अर्ज़ किया : बहुत अच्छा । हुजूर !
मगर कोई मोजिज़ा तो दिखाइए । हुजूर ने फ़रमायाः वह ख़्वाब जो शाम में देखकर आए हो और उसकी ताबीर जो उस राहिब से सुनकर आए हो मेरा ही तो मोजिज़ा है । सिद्दीक अकबर ने यह सुनकर अर्ज किया : सच फ़रमाया ऐ अल्लाह के रसूल आपने । मैं गवाही देता हूं कि आप वाकई अल्लाह के सच्चे रसूल हैं । ( जामिउल मुजिज़ात सफा ४ )
सबक: हज़रत अबू-बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के वज़ीर और ख़लीफा बरहक़ हैं। हमारे हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से कोई बात छुपी नहीं रहती। आप दानाए गुयूब हैं। यह भी मालूम हुआ कि तमाम मखलूक हमारे हुजूर के ही सदका में पैदा की गई है। अगर हुजूर न होते तो कुछ भी न होता।
Siddiq Akbar Ke Lie Khuda Ka Rasool Bas (Fazilat E Abu baqar siddiq) By shaikh Mohd Naseem
वह जो न थे तो कुछ न था, वह जो न हों तो कुछ न हो। जान हैं वह जहान की जान है तो जहान है ।।
- Napak Mehandi Lagane ka bayan
- Sunnat : Karz ki Sunnate or Adab (कर्ज़ की सुन्नते और आदाब)
- Hazrat Siddiq Akbar Raziallahu Anhu Ka Khwab -The dream of Hazrat Siddiq Akbar
- Imam e Azam | imam e Azam Radi Allahu tala anhu Khwab
- Hazrat jibreel Ali Salam ka waqia: Hazrat Jibrail Alaihissalam Aur Ek Noorani Tara