Eid ul Fitr 20204:Eid Mubarak Shayari in Hindi! Eid Mubarak image इस साल ईद उल-फितर का त्यौहार 2024 में ईद उल-फितर बुधवार, 10 अप्रैल को पड़ सकती है।
ईद उल-फितर का इतिहास, ईद उल-फित्र 2024 में कब है, ईद मुबारक शायरी ( Eid al Fitr (Fitar), history, Eid Mubarak Shayari in Hindi
ईद उल-फितर मुसलमानो का सबसे बड़ा त्यौहार है , रमजान के महीने में सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते है, इसके अंत में एक महीने के कठिन उपवास के बाद, यह दिन बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है . इस का अर्थ है खुशी. ईद उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता हैं
ईद उल-फितर 2024 में कब और कैसे मानाते है (Eid Ul Fitr Date)
रमजान के खत्म होने पर , चाँद के दीदार के बाद यह पवित्र दिन आता है . मुस्लिम कैलेंडर के अनुसार यह पर्व दसवे महीने में आता है. इस महीने को शव्वाल कहां जाता है, और इसके प्रथम दिन यह त्यौहार होता है, जो कि तीन दिनों तक मनाया जाता है.
रमजान के पुरे महीने में कठिन उपवास रखने के बाद जब चाँद दिखाई देता है तो हर किसी के मन में एक उत्साह की लहर दौड़ जाती है .
इस दिन मुस्लिम जल्दी उठ कर नहा कर नए कपडे पहनते है . नमाज अदा की जाती है घर में सजावट की जाती है .
हर घर में पकवान और मिठाई बनाई जाती है, मुस्लिमों की खास“सिवेया“ इस दिन हर घर में बनाई जाती है. इस दिन कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहता.
ईद के दिन सभी अपने रिश्तेदार और दोस्तों के घर मिलने जाते है. एक दुसरे से गले मिलते है. सभी बड़े अपने से छोटे को उपहार या धन देते है जिसे “ईदी” कहा जाता है.
इस दिन हर व्यक्ति अपने गिले शिकवे भूल कर प्रेम का आदान प्रदान करते है. यह प्यार सहानुभूति और भाईचारे का पर्व है. कई जगहों पर ईद के मेले भी आयोजित किये जाते है.
इस दिन हर स्तर के मुसलमान को खुश देखा जाता है , गरीब हो या अमीर सभी एकजुट हो कर उत्साह से इस पर्व को मनाते है .
इसदिन सभी अपनी शक्ति के अनुसार दान करते है इस दिन किये गए दान को “जकात उल फितर” कहा जाता है.
रमजान कब और क्यों मनाया जाता है (Why do Muslims fast during the month of Ramzan (Ramadan)):
मुस्लिम केलेंडर के नोवे महीने में रमजान का महिना माना जाता है . मुस्लिम समुदाय इसे पवित्र मानते हुए इसमें सारे नियमों का पालन करता है.
ऐसा माना जाता है रमजान के महीने में रोजा रखने से आत्मा शुद्ध होती है , और रोजा रखने वालोँ के लिए जन्नत के दरवाजें खुलते है.
इस महीने सभी मुस्लिम एक नियमित जीवन जीते है और नमाज कर प्रर्थना करते है. यह रमजान का 30 दिनों का महीना 3 बराबर भागों में विभाजित है, प्रत्येक भाग में 10 दिन शामिल है.
रमजान का महिना केवल इबादत के लिए ही नही, बल्कि अपनी बुरी आदतों को काबू में करना भी सिखाता है .
इस महीने सभी मुस्लिम उपवास रखते है जिसे रोजा कहते है , इस महीने सभी मुस्लिम सूर्योदय के पूर्व में आहार लेते है और सूर्योदय होने से सूर्यास्त तक अन्न जल ग्रहण नही करते है , सूर्यास्त के बाद ही आहार और पानी ग्रहण करते है .
रमजान में रोजा की शुरुआत होने पर खाने की बात करना और इसका विचार करना भी पाप है. रोजा इख्तयार कर अगर कोई झूठ बोलता है गाली देता है , तो उसका रोज़ा टूट जाता है .
रमजान का महीना त्याग और बलिदान का महीना माना जाता है इस महिने में दान किया जाता है , जो भी अच्छे कार्य किए जाते है , उसका कही गुना पुण्य प्राप्त होता है.
इस महीने में शराब का सेवन करना वर्जित है . शारीरिक सम्बन्ध बनाना और किसी स्त्री पुरुष को गलत नजर से देखना भी मना है .
इस पवित्र महीने में हर मुस्लिम पवित्र और आदर्श जीवन जीता है , सभी कुरान पड़ते है और नमाज करते है .
यह पर्व त्याग बलिदान और आत्मसयंम की प्रेरणा देता है. जब व्यक्ति अन्न जल ग्रहण नही करता है तब उसे इसका महत्त्व पता चलता है. जब व्यक्ति त्याग करता है तो उपर उठता है और उसकी आत्मा पवित्र होती है .
ईद उल–फितर का इतिहास (History of Eid Ul-Fitr)
इस्लाम धर्म में एक अच्छा इंसान होने के लिए केवल इस्लाम धर्म का होना ही काफी नही है , इस धर्म में 5 नियमो का पालन करना अनिवार्य है – ईमान, नमाज अदा करना, हज की यात्रा , रोजा और जकात .
अरब में पैगम्बर हजरत मोहम्मद ने देखा यहाँ हर व्यक्ति एक दुसरे से दूर हो रहा है, पूरा अरब गरीब और मिर दो भागो में बट गया है , तब सभी को एकजुट करने के लिए मोहम्मद साहब ने विचार किया और सभी को एक नियम का पालन करने को कहा, जिसका नाम रोजा रखा , उन्होंने कहा पुरे दिन हम कुछ भी नही खाएगे और पानी की एक बूंद भी ग्रहण नही करेगे , कोई भी पकवान हो हमें उसका त्याग करना है . उनका कहना था इससे सभी में त्याग और बलिदान की भावना जाग्रत होगी , एक दुसरे के दुःख को महसूस किया जा सकेगा , और सभी के मन में सदभावना आएगी .
उन्होंने जकात उल फितर का रास्ता बताया, सभी ने इसका पालन किया इससे अपने से पिछड़े लोगो को दान कर उन्हें मदद प्राप्त हुई .
इस त्यौहार से जुडी अन्य बातें (Other Things Related To This Festival):
पहली बार यह दिन 624 ईस्वी में मनाया गया था . पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के साथ युद्ध किया, और इस युद्ध में पैगम्बर हजरत मोहम्मद की जीत हुई, इस ख़ुशी में पहली बार ईद उल फितर त्यौहार मनाया गया.
अरब में त्योहारों का उल्लेख करने के साथ कुछ महत्वपूर्ण दिन का निर्धारण किया गया , इसमें शाव्वल के महीने के पहले दिन चाँद देख कर यह त्यौहार मनाया जाता है.
रमजान के 29 या 30 दिन के कठिन उपवास के ख़त्म होने के बाद यह दिन आता है , प्रेम और सद्भावना के साथ सभी एक साथ मिलकर सभी मुस्लिम यह त्योहार मनाते है, नमाज अदा करते है दान करते है , एक दुसरे से गले मिलकर उपहार देते है .
इस दिन हर मुस्लिम का फर्ज होता है कि वो अपने शक्ति से जितना भी बन सके उतना जरुरतमंदों को दान करे . इस दिन सभी अल्लाह से रहमत , अपनी गलतियों के लिए माफ़ी , बरकत की दुआ करते है .
दुआ करते है की सभी लोगों को उनके रोजो का उचित फल मिले और अल्लाह उन्हें जन्नत की राह पर सजदा करे.
दरूद शरीफ की फजीलत हिंदी||दरूद शरीफ दुआ हिंदी
दुरूद ए ताज हिंदी में|| दुरूद ए ताज अरबी में|| Darood e Taj in English translation
ईद मुबारक हिंदी शायरी ( Eid Mubarak Shayari in Hindi)
बचपन में मिलते थे पुरे रमज़ान
अम्मी की दी सेहरी से करते थे शुरुवात
धूम धड़का होता था दोस्तों के साथ
आज भी हैं याद ईद की हर एक रात
मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी
अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं
ऐ दोस्त तेरे पास होते तो गले लगाते
दूर ही सही फिर हम वो रस्म निभायेंगे
गले तो नहीं पर शायरी सुनायेंगे
ईद मुबारक हो मुबारक ज़ोर- ज़ोर से चिल्लायेंगे
अल्लाह की करते हैं तहे दिल इबादत
दुश्मन हो या दोस्त रखे सभी को सलामत
कुबूल फ़रमाय से शायरी का नज़राना
ईदी चाहिये तो घर जरुर आना
मुस्कुराते रहो जैसे खिला हुआ फूल
गमो की बेला जाये तुमको भूल
ऐसे ही प्रेम की चलती रहे रीत
इसी दुआ के साथ मुबारक हो ईद
मुबारक मौका हैं करो खुदा की इबादत
खुशियों से भरी ये जिंदगी रहे सलामत
अदा करे हर फ़र्ज़ खुदा की रहमत में
पाक दिल युही सजदा करें रमज़ान के महे में.|
तारो से आसमा में खिली रहे बहार
चाँद के जैसा पाक हो सभी का प्यार
होता रहे युहीं अपनों से दीदार
मुबारक हो तुमकों ईद का त्यौहार
ज़न्नत से नज़राना भेजा हैं
खुशियों का ख़जाना भेजा हैं
कुबूल फ़रमायें दिल की दुआ हैं
ईद मुबारक का फ़रमान भेजा हैं
==============================
==============
मौका हैं खास
कहदे दिल के ज़स्बात
गीले शिकवे भुलाकर
सभी को ईद मुबारक
============================================
लेकर आये हैं नया नजराना
कहने को दिल का नया फ़साना
मुबारक हो तुमको ये ईद हमारी
सारी आरज़ू हो पूरी तुम्हारी
हर ख्वाइश हो मंज़ूर-ए-खुदा
मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा
फ़ना हो लब्ज़-ए-गम यही हैं दुआ
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा
आग़ाज़ ईद है, अंजाम ईद है;
सच्चाई पे चलो तो हर ग़म ईद है;
जिसने भी रखे रोज़े;
उन सब के लिए अल्लाह की तरफ से इनाम ईद है.
ईद मुबारक़!
तू मेरी दुआओं में शामिल है इस तरह;
फूलों में होती है खुशबु जिस तरह;
अल्लाह तुम्हारी जिंदगी में इतनी खुशियाँ दे;
ज़मीन पर होती है बारिश जिस तरह.
ईद मुबारक!
जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
दिलावर अली आज़र
आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी;
करदे माफ़ हम लोगो की सारी नाफ़रमानी;
ईद का दिन आज आओ मिलकर करें यही वादा;
खुदा की ही राहों में हम चलेंगे सदा यही है हमारा वादा.
ईद मुबारक!
कोई इतना चाहे तुम्हें तो बताना,
कोई तुम्हारे इतने नाज़ उठाए तो बताना,
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे,
कोई हमारी तरह कहे तो बताना।
ईद उल-फितर का इतिहास, 2020 शायरी | Eid-al-fitr history, Eid Mubarak 2020 Shayari in Hindi
माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी
जलील निज़ामी
दिए जलते और जगमगाते रहें;
हम आपको इसी तरह याद आते रहें;
जब तक जिंदगी है ये दुआ है हमारी;
आप ईद के चाँद की तरह जगमगाते रहें.
ईद मुबारक!
जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
ओबैद आज़म आज़मी
हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएँ
जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
लियाक़त अली आसिम
देखा ईद का चाँद तो
मांगी ये दुआ रब से,
देदे तेरा साथ ईद का तोहफा समझ कर।
ईद मुबारक।
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां;
ईद मिटा देती है इंसान में दूरियां;
ईद है ख़ुदा का एक नायाब तबारक;
और हम भी कहते हैं आपको ईद मुबारक.
चुपके से चाँद की रौशनी छू जाये आपको;
धीरे से ये हवा कुछ कह जाये आपको;
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से;
हम दुआ करते हैं वो मिल जाये आपको.
ईद मुबारक़!
ईद का चाँद जो देखा तो तमन्ना लिपटी
उन से तक़रीब-ए-मुलाक़ात का रिश्ता निकला
रमजान में ना मिल सके;
ईद में नज़रें ही मिला लूं;
हाथ मिलाने से क्या होगा;
सीधा गले से लगा लूं.
ईद मुबारक
उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
दीपक में अगर नूर ना होता;
तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता;
मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता;
अगर आपका घर इतना दूर ना होता.
ईद मुबारक!
सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल;
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल;
चारों तरफ फ़ैलाओ खुशियों के गीत;
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद.
ईद मुबारक
सूरज की किरणें तारों की बहार;
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार;
हर घड़ी हो ख़ुशहाल;
उसी तरह मुबारक हो आपको ईद का त्योंहार.
ईद मुबारक!
महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
ज़िन्दगी का हर पल खुशियों से कम न हो;
आप का हर दिन ईद के दिन से कम न हो;
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो;
जिसमें कोई दुःख और कोई गम न हो!
ईद मुबारक!
Eid Shayaris
“ईद उल-फ़ित्र के इस खुशी के मौके पर
अल्लाह आपको खुशियाँ प्रदान करे और
अपने घर को गर्मजोशी और शांति से संभालें।
ईद मुबारक!
ईद मुबारक या ईद की बधाई ईद अल-अज़हा और ईद उल-फ़ित्र के त्यौहारों पर बधाई देने के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है। यह पारंपरिक और सांस्कृतिक पद है। ईद का अर्थ है “उत्सव” और इस अवसर को संदर्भित करता है, और मुबारक का अर्थ “धन्य” है; उदाहरण के लिए, ईद की नमाज़ या प्रार्थना करने के बाद एक दुसरे को अभिनन्दन करने का तरीका।
Aey Chand, tu unko mera paigam kah dena, Khushi ka din aur hansi ki shaam dena, Jab wo dekhe tujhe bahar aakar, Unko meri taraf se Eid mubarak kah dena
Mubarak Mauka Allah ne atah farmaya, ek baar fir bandagi ki raah pe chalaya, adaa karna apna farz tum Khuda ke liye..khushi se bhari ho Eid Ul Adha aapke liye!
Eid Mubarak to all: Eid-ul-Fitr 2020 Eid Wishes, Images, Cards, Greetings, Pictures
Eid leke aata hai dher saari khushiyan, Eid mita deta hai insaan me dooriyan, Eid hi khuda ka ek nayam tabarok, Isiliye kehte hai sab Eid Mubarak!
“On this joyous occasion of Eid ul-Fitr
May Allah bless you with happiness and
Grace your home with warmth and peace.
EID MUBARAK!”
“May you be blessed with
The divine grace of Allah.
On the Occasion of this
Glorious festival
OF EID UL-FITR
Wish you happiness
Peace and prosperity
EID MUBARAK!”
“Today I Pray That:
Happiness Surrounds You and Your Family.
May this Eid bring all the joy in your life that you have ever wished for.
EID MUBARAK!”
“May this Eid bring all the comfort you have ever wanted and
all the joy and laughter you have ever prayed for.
Happy Eid ul-Fitr to you!”
“May all the devotion you had in your heart
during the Holy month of Ramadan
Bring great joy to you
on this Eid ul-Fitr day
Eid Mubarak!”
जरूरतमंदों को अब दी जा रही है ऑनलाइन जकात
कोरोना महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया है। रमजान उल मुबारक महीना भी इसी लॉकडाउन में चल रहा है। इस महीने में रोजेदार जकात, फित्रा व सदका की रकम ज्यादा से ज्यादा निकालते हैं और जरूरतमंदों को नगद पैसा देकर उनकी मदद करते थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से जकात, फित्रा व सदका आदि निकालने के ट्रेंड में तब्दीलियां आ गई है। अब लोग ऑनलाइन बैंकिंग,
गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से अपनी निकाली जकात, फित्रा और सदका की रकम जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। जरूरतमंदों की मदद कर रही नौजवानों की विभिन्न संस्थाएं जकात व फित्र की रकम पेटीएम, गूगल पे, फोन पे और नेटबैंकिंग केजरीए से जुटा रही है। मदरसों ने ऑनलाइन जकात देने की अपील की है। इसके लिए इश्तेहार भी दिए हैं, जिसमें मदरसे के बैंक अकाउंड नंबर दिए गए हैं। साथ ही व्हाट्सएप के साथ ही अन्य सोशल मीडिया पर भी साझा किए जा रहे हैं।
इन्हें दी जा सकती है जकात
मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि जकात में अफजल यह है कि इसे पहले अपने जरूरतमंद भाई-बहनों को दें। उसके बाद करीबी रिश्तेदारों को उसके बाद दूर के रिश्तेदारों के अलावा पड़ोसी अपने साथ काम करने वाले जरूरतमंदों को दे सकते हैं। दीन की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी जकात की रकम दी जा सकती है। जकात का इंकार करने वाला काफिर और अदा न करने वाला फासिक व अदायकी में देर करने वाला गुनाहगार है। अगर आप साहिब ए निसाब हैं तो हकदार को जकात जरूर दें। जकात हलाल और जायज तरीके से कमाए हुए माल में से दी जाए।
डोरंडा रिसालदार नगर निवासी मो असजद प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने जकात व फित्रा की रकम निकाली और नेट बैंकिंग के जरीए एक मदरसे के खाते में ट्रांसफर कर दी। इसी तरह दूसरे मुहल्ले में रहने वाले जरूरतमंदों को उनके बैंक खाते में जकात की रकम अदा कर मदद पहुंचायी है।
You could send your wishes either in text or from this assortment of cards that we created especially for this Eid so you could use them to send across to your loved ones and share the spirit of festivity with them.
If you like this post, Eid ul Fitr 2024:Eid Mubarak Shayari in Hindi! Eid Mubarak Images share this Article.
We hope this Eid al-Fitr brings health, wealth, and happiness to you. Eid Mubarak!