Ek Molana ki Alima se shadi hui fir hua ye|new bayan

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Ek Molana ki Alima se shadi hui fir hua ye

Assalamoalikum dosto ia post me hum Ek Molana ki Alima se shadi is topick par bata rahe hai. Ek alame deen मौलाना की एक आलीमा  लड़की से निकाह हुआ वह दोनों बहुत खुश थे साथ रह रहे थे 1 दिन अचानक उस आलीमा ने उस लड़के से कहा कि मैं आलीमा हूं और मैं चाहती हूं हमारे आने वाली जिंदगी पूरी तरह शरीयत के मुताबिक guzre  और आप भी मेरी इसमें मदद कीजिएगा वह लड़का यह सुनकर बेहद खुश हुआ और अल्लाह का शुक्र अदा करने लगा कि आप जिंदगी बड़ी खुश खबर होने वाली है क्योंकि हमारे जिंदगी अब शरीयत के मुताबिक गुजरेगी और वह लड़की से शादी कर कर बहुत खुश था एक दिन अचानक लड़की ने उस लड़के से कहा के शरीयत के मुताबिक आपका मुझे एक घर ले कर देना चाहिए और आप इसके लिए मुझे मना नहीं कर सकते आपकी Maa Baap की Khidmat करना मेरी जिम्मेदारी नहीं है यह जिम्मेवारी सिर्फ आपकी है यह सुनकर वह लड़का बेहद परेशान हुआ क्योंकि बात शरीयत की थी और वह कोई बहस नहीं कर सकता था वह सोचने लगा कि Aub क्या करें तभी उसके दिमाग में ख्याल आया किसी Bade alam-e-deen मौलाना से इसका हल ढूंढते हैं.

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Muhammad||Sallallahu alayhi wa sallam Reading Barkate Nabuwat

 लड़का अलीमदींन alam-e-deen के पास पहुंचा और उनके अर्ज़ किया कि मैं बहुत परेशान हूं और आपके पास एक बहुत बड़ा मसला लेकर आया हूं आप मुझे इस मसले का हल दीजिए alam-e-deen ने पूछा बताइए क्या बात है तो उस लड़के ने कहा कि मेरी बीवी का आलीमा है और उन्होंने मुझसे एक अलग घर लेने की फरमाइश जताई है वह कहती हैं कि आपके Maa-Baap की खिदमत करना मेरी जिम्मेदारी नहीं तो alam-e-deen  ने कहा वह ठीक कह रही है आपके वाले दिन की खिदमत की जिम्मेवारी आपकी बीवी की नहीं यह जिम्मेवारी सिर्फ आपकी है इस बात पर उस लड़के को गुस्सा आया और वह alam-e-deen को कहने लगा कि मैं आपसे कोई फतवा पूछने नहीं आया आप मुझे फतवा ना दे मुझे इस मसले का हल चाहिए  है

आलिम ए दीन ने बड़ी खूबसूरती से किया मसले का हल

आलिम ए दीन ने फरमाया  आप अपने घर जाकर [Ek Molana ki Alima se shadi hui fir hua ye]
आपनी बीवी से कहिए कि मैं एक दूसरा Nikah कर लेता हूं मेरी दूसरी बीवी मेरे वाली बहन की खिदमत करेगी और उनके साथ यही रहेगी और आप को एक बहुत अच्छा सा अलग घर दिला देता हूं आप उस घर में आराम से रहना खुशी खुशी देना इस तरीके से हम शरीयत का पूरा पालन करेंगे यह बात सुनकर वह औरत घबरा उठी और बोली कैसी बातें करते हैं आप मुझे नहीं रहना अलग घर में और मैं आपका दूसरा निकाह नहीं करने दे सकती और रही बात आपके Maa Baap के तो एक मुसलमान होने के नाते दूसरे मुसलमान की खिदमत करना मेरा फर्ज है और मैं मुसलमान होने के नाते आपके बलिदान की खिदमत खुद करूंगी यह बात सुनकर उसका शौहर मुस्कुरा उठा और हमेशा के लिए उनके घर में खुशहाली आ गई

http://https://www.youtube.com/watch?v=eDnGFZq

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Muhummad s.a.w paidaish|Rabi ul awal|Muhummad s.a.w ki shan

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सबक़

इस वाक्य से हमें सबक मिलता है कि हमें हमेशा अलीमुद्दीन जो दीन की समझ रखते हैं उनके पास बैठना चाहिए जो आलिम ए दीं होते हैं उन्हें दिन की समझ होती है  और वह किसी भी मसले का हल बड़ी खूबसूरती से करते हैं जोो किसी अनपढ़ दीन की समझ ना रखने वाले के बस की बात नहीं इसलिए हमें हमेशा आलिम ए दीं न लोगों की बस में बैठना चाहिए और किसीी जाहिल अनपढ़ बचना चाहिए और अपने मसलेे कभी किसी जाहिल के सामने पेश नहीं करने चाहिए क्योंकि उसे दिन की समझ नहीं तो वह मसलेे का सही हल कभी नहींंं दे सकता
 
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