Tilawat: Quran KI Fazilat .Tilawat e Quran sabhi Kuch is post me add Karne ki koshish ki hai.
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का फरमान है!“ सबसे बड़ा इबादत गुजार वह है जो सबसे ज्यादा तिलावते कुरान करने वाला है!”
दिलों का जंग {Tilawat}तिलावत से दूर हो जाता है
मदीने के आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का फरमाने आलीशान है बेशक दिलों को भी जंग लग जाता है जिस तरह लोहे को जंग लग जाता है जब उसे पानी लग जाए! “ अर्ज किया गया उनकी सफाई किस तरह होती है फरमाया मौत को कसरत से याद करना और कुरान की तिलावत करने से “
Bismillah ||Bismillah ki barkat(Opens in a new browser tab)
पड़ोसी के हक इन इस्लाम सुन्नते और आदाब इन उर्दू(Opens in a new browser tab)
एक हर्फ की 10 नेकिया
रहमतुल लिल अलमीन सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का मुबारक फरमान है !
जिसने कुरान शरीफ का एक हर्फ पड़ा उसके लिए इसके बदले एक नेकी है और एक नेकी का सवाब 10 गुना होता है मैं नहीं कहता अलिफ लाम मीम एक हर्फ है बल्कि अलिफ एक है लाम एक हर्फ और मीम एक हर्फ है!
Tilawat KI Fazilat
कुरान की तालीम सबसे अफजल है
आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम फरमाते हैं बिना सुबह तुम में सबसे अफजल वह है जिसने कुरान की तालीम हासिल की या दूसरे को इसकी तालीम दी!
तालीम कुरान बेहतर माल से बेहतरीन है
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का फरमान आलीशान है तुम में का कौन चाहता है सुबह को वतहान या अकीक जाए फिर बिना व्किसी गुना चोरी या वसब वगैरह का इंतिखाब या रिश्ता तोड़े बगैर दो बड़े कोहान वाली ऊंटनी लेता आए हमने अर्ज किया या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम हम सभी यह चाहते हैं आप सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया तो क्यों नहीं तुम मस्जिद आता और कुरान शरीफ की दुआएं की तालीम लेता या उन्हें पड़ता यह दो आयते उसके लिए दो बड़े कोहान वाली ऊंटनी से बेहतर होंगी और 3 आयतें उसके लिए 3:00 ऊंटनी से बेहतर और चार आयते उसके लिए चार ऊंटनी से बेहतर होंगी इसी तरह जितनी आयते सिखाएं या पड़े उतनी ऊंटनी और ऊंटों से बेहतर होंगी!
जुबान में लुकनत वाले को दोगुना सवाब [tilawat quran pak]
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया जो कुरान पढ़ने में माहिर है वह कीरामन कातेबीन के साथ हैं और जो शख्स रुक रुक कर कुरान पड़ता है वह उस पर शक है यानी उसकी जबान आसानी से नहीं चलती तकलीफ के साथ अदा करता है उसके लिए दो भलाई या है !
तिलावत में मशगूल रहने वालों को बिन मांगे मिल जाता है [Tilawat of Quran]
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह फरमाता है कि जिसको कुरान ने मेरे ज़िक्र और मुझसे सवाल करने से बाज रखा उसे मैं उससे बेहतर दूंगा जो मांगने वालों को देता हूं और कुरान ए मजीद की फजीलत दूसरे कलामो पर ऐसी है जैसी अल्लाह ताला की फजीलत उसकी मखलूक पर है!
कब्र में भी तिलावत [Tilawat ]
ईशा बिन मोहम्मद कहते हैं मैंने एक रोज अबू बकर बिन मुजाहिद को उनके इंतकाल के बाद ख्वाब में देखा कि वह कुरान पढ़ रहे हैं मैंने कहा कि आप तो इंतकाल फरमा चुके हैं कैसे पढ़ रहे हैं तो उन्होंने फरमाया कि मैं हर नमाज के बाद और खत में कुरान के बाद दुआ करता था कि अल्लाह ताला तू मुझे कबूल मैं तिलावते कुरान की तौफीक दे ना इसलिए मैं पढ़ता हूं!
10 रिश्तेदारों की शफाअत
ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया कि जिसने कुरान पढ़ा और उसको याद कर लिया उसके हलाल को हलाल समझा और हराम को हराम जाना उसके घर वालों में से उन 10 लोगो के बारे में अल्लाह ताला उसकी शफात कबूल फरमाएगा जिन पर जहन्नम वाजिव हो चुका था !
सूरह फातिहा पढ़ने वालों से अल्लाह रवि रहता है {Tilawat quran pak}
अल्लाह तबारक व ताला ने अर्श के नीचे एक फरिश्ता पैदा फरमाया है जिसका सर इंसान जैसा है उसके 70000 बाजू हैं और हर बार ऊपर फरिश्तों की एक-एक जमात मौजूद है उसके दाएं रुखसार पर सूरह इखलास और बाएं पर असद उल्लाह इलाहा इल्ला हू और पेशानी पर सूर्य फातिहा लिखी हुई है उसके सामने फरिश्ते कि ₹70000 मौजूद है जो हर वक्त सूरह फातिहा का विद्ध करते रहते हैं और जब
“ईयाका नाबूदो वाईयाका नसतईन” पड़ते हैं तो सजदे में चले जाते हैं अल्लाह ताला इनसे फरमाता है ए फरिश्तों अपने सर को उठाओ मैं तुम सब से खुश हूं फरिश्ते यह सुनकर अल्लाह से अर्ज करते हैं कि ए मौला ए करीम उम्मते मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम में से जो कोई सूरह फातिहा पड़े तू उससे भी राजी रहना अल्लाह ताला फरमाता है फरिश्तों तुम गवाह हो जाओ मैं उनसे भी राजी हूं!
तिलावत के जिक्र की फजीलत अभी खत्म नहीं हुई है कुरान के जिक्र की तिलावत की बेशुमार फजीलत है बेशुमार तारीफ है हम यहां छोटी छोटी बातें जिक्र कर रहे हैं हम इस काबिल नहीं किए कुरान की फजीलत बयान कर पाए बस छोटी सी कोशिश है अल्लाह कुबूल करें इंशाल्लाह नेक्स्ट पोस्ट में इसे कंटिन्यू करेंगे और जानेंगे फैजाने सुन्नत से के और क्या-क्या है तिलावत की फजीलत. कुराने पाक की तिलावत की फजीलत अल्लाह हाफिज दुआ में याद रखेगा!